
दवा खाने से उल्टी और चक्कर आने के कारण की जानकारी देकर लोगों को कराया जा जा रहा दवा का सेवन
- फाइलेरिया उन्मूलन • जिले में चल रहा है सघन एमडीए अभियान, लोगों में दिख रहा है उत्साह
- घर-घर जाकर मेडिकल टीम द्वारा खिलाई जा रही है अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा
भागलपुर-
जिले के सभी प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर बीते 10 फरवरी से सघन एमडीए अभियान चल रहा है। जिसके तहत गठित मेडिकल टीम द्वारा फाइलेरिया से बचाव के लिए ना सिर्फ अल्बेंडाजोल और डीईसी की लोगों दावा का सेवन कराया जा रहा है। बल्कि, इस बीमारी के कारण, लक्षण और इससे बचाव की जानकारी के साथ-साथ लोगों को दवाई के सेवन से होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि लोगों दवाई का सेवन के प्रति फैली भ्रांतियां दूर सके और सामुदायिक स्तर लोग जागरूक हो सके तथा अधिकाधिक लोग दवाई के लिए आगे आ सकें। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के इस प्रयास का सकारात्मक असर भी दिखने लगा है। जिसका प्रमाण यह है कि लोग दवाई के सेवन के बाद होने वाली उल्टी और चक्कर का कारण जानने और समझने के बाद दवाई सेवन के प्रति अपना उत्साह दिखा रहे हैं और स्वास्थ्य टीम का सहयोग कर रहे हैं। सामुदायिक स्तर पर लोग दवाई सेवन के लिए आगे आ रहे हैं।
- साइड इफेक्ट सामान्य परेशानी, इसलिए इससे घबराएं नहीं :
डीभीबीडीसीओ डाॅ. दीनानाथ ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन के बाद होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट से घबराएं नहीं। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक हो जाते हैं। इसे एडवर्स इफेक्ट कहा जाता है। जैसे बच्चों को बीसीजी की सूई दिलाने के पश्चात, बच्चा को बुखार आ जाता है। उसी तरह हम कोई भी दवा खाते हैं तो किसी-किसी में तत्कालिक साइड इफेक्ट, जैसे - उल्टी, चक्कर समेत अन्य शिकायतें होती है। बाद में सामान्य उपचार से ठीक हो जाता है, उसी तरह फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई खाने से हो रहा है। जो बिलकुल सामान्य है और सामान्य उपचार से ही ठीक हो जाते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई का सेवन ही एकमात्र सबसे बेहतर विकल्प है।
- खाली पेट नहीं खाएं दवा :
भीडीसीओ रविकांत कुमार ने बताया, भूखे यानी खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें और एल्बेंडाजोल की दवा को अच्छी तरह चबाकर खाएं। इसको लेकर गठित मेडिकल टीम को विशेष निर्देश दिया गया है। किन्तु, सभी लोग इस बात का विशेष ख्याल रखें। साथ ही दवाई सेवन के बाद 20 मिनट तक मेडिकल टीम की निगरानी में रहें। दवाई पूरी तरह सुरक्षित और फाइलेरिया से बचाव के लिए कारगर है।
रिपोर्टर
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Dr. Rajesh Kumar